Why We Get Worried To Say About Param Premomoy Sri Sri Thakur?
- Rev. Babai Da Speech
Rev. Babaida Specch
लेकिन बिस्वास का गहराई उसीसे मापा जाता है।जैसा हम बोलता है सत्य बोलो।अरे सत्य क्या है।सत्य के विषय में हुमका क्या ज्ञान है।हम जदि बोले मेरा कपड़ा काला नही है ,ए सत्य हुआ ना।मेरा काला कपड़ा है? सफ़ेद है।मैं बोला ये लाल भी नही है।ये भी सत्य हुआ।और मैं बोला ये सफ़ेद है।ये भी सत्य हुआ।तो तिनो तो सत्य बोले।तो कोण सत्य को पकड़ेंगे।इस सत्य की ज्ञान के लिए ही गुरु को पकड़ना जरुरी है। और ये गुरु ज्ञान हमारे लिए एक से दूसरा,दूसरा से तीसरा,तीसरा पायदान से चौथे पायेदान करके आगे की और ऊपर तक ले जायेगा।हम जिस इंसान में थे उस इंसान से बेहतर इंसान में प्रकट हो सकते है।
क्यों की बिज्ञान बोलता है संघात के बिना बिबर्तन नही होता है।Evolution। पहले हमारा पुछ था,संघात आया ... परिबेश से समाज से।परिबेश समाज से होक आज हम इंसान होमो सेपियन्स सेपिएंसे (Homo sepiense sepiense) में बदलाव में आये।और जो मैं हूँ वैसा ही रहूँगा भाजिंदिगी भर।इसमें बदलाव नही आयेगा।जबतक ना outerly कोई force डाला जाता है।ये भी Newton का विज्ञान का एक नियम है। कि जबटक इसमें बल प्रयोग नही होगा जो जैसे है ऐसेेही रहे जााएँनंगे।मेरे परिशानी है , परिशानी में ही रहे जाऍंगे।
मैं खुशाली हूँ,खुशाली में ही रहे जाऊंगा।मेरे पास पैसा है लेकिन अशांति है।वैसा ही रहे जाऊंगा।जब तक ना बल प्रयोग होगा उसमे।बल प्रयोग क्या? गुरुबल।गुरुबल का प्रयोग कीजिये जिंदिगी में ,हर पलमे बदलाव आएगा।सब चिसमे बदलाव आएगा।
और हम जो बोले बिस्वास,बिस्वास उसीमे हो सकता है,जब आप बोलियेगा।ठीक है।ओ बोलते बोलते बोलते बोलते,एकदिन ऐसा आ जायेगा की बिस्वास आ जायेगा।बिस्वास आप कायम कीजिये,आप जो भी बोलियेगा ऐसा ही होगा।
मेरे साथ आये है अनिल धोजिया नाम का एक लड़का।ओ कलकत्ता में रहता है।देवघर में जाने बाला था एक दल।तो उनका बच्चे होने का था।बच्चे का डिलीवरी का डेट आगे बार गया था।कम से कम दश पंडरा दिन ओवर हो गया।डिलीवरी भी नही हो राहा है, पानी भी नही टूट रहा है,और पैन भी नही हो रहा है।औरत रहता था आसनसोल में।देवघर से दो घंटे की दुरी में।तो वो लोक कोलकता से जाने बाले थे जो इंसान को भेजना था देवघर ओ बोले - "नही जायेंगे हम। मेरा पत्नी का डेलिबेरी है ।crisis में है।हमको उहा जाना है।" तो ये अनिल बाबु ने उसको थप्पड़ मार्के बोला - "जाइये ।आपका बेटा हो जायेगा।चलिये।" उसका बिस्वास था।देवघर जाओगे ,ठाकुरबारी जाओगे,सब तुम्हारा मंगल होगा।उसका बिस्वास से ओ बोला।पॉछा ओ देवघर।देवघर पॉछा।काम निपट लिया।साम को फोन कर रहा था।तब telephone booth का जमाना था।telephone booth से स्वसुरल में फ़ोन किया।अरे तुमको तो खोज रहे थे घरसे बोहुत दिन तक।बच्चा हुआ है,लड़का हुआ है।बिस्वास आप खुदमे पैदा कीजिये,दूसरे को बोलिये।खुदमे बिस्वास कीजिये,खुदके बिस्वास को बोलिये।
कभी बोलते है बगल बाले किसी घरमे की मैं ठाकुरजी का दीक्षित हूँ।हम लोक बोहुत सारे अदमि है नही बोलते है।चुप।मौन रहते है।बोलने से सर्मिनंदा हो जाते है।मेरे गुरु है ,ये बोलने से सर्मिनंदा महसूस करते है।और गुरु कृपा पाये एहि प्रयन्त करते है मनमे।कैसे होगा? हम क्या कर रहे है।किसको धोका दे रहे है।खुदको धोका दे रहे है।किउनकी मेरे ठाकुर चाहते है सब कोई मंगल में रहे।हम जो जाजन करते है ये ओ चाहते है,इसलिए जाजन करते है।ठीक है।
मेरे में कमी है,इसलिए हम नही बोलते है।अरे,दिया तले अँधेरा नही रहता है,दिया तले तो अंधेराही रहता है।मेरा अँधेरा है ओ।ओ आग का तो अँधेरा नही।दिया देखे है ना सब कोई।दिया जो पकड़ के रखता है आग को,उसका तो अँधेरा नही रहता है।रहता हूं उस दिया का।जो आग को पकड़ के रखता है छाती में।ओ मेरा अँधेरा है।उसमें आप शर्मिंदा मत होइए।मेरा तो बोहुत सारे कमिया रहे सकते है।लेकिन ओ तो सच है।ओ तो सत्य है।ओ तो ठीक है।ओ ठीक है,उसे प्रेम करके मेरा बदलाव आया है।अगर कुछ बदलाव आया है,तो उस बदलाव को महसूस कीजिये,उस बदलाव को बोलिये।आरस में बोलिये,परोस में बोलिये।रिस्तेदार में बोलिये।की मैं ठाकुरजी को पकड़के ऐसा,आप भी कोशिश किजोये।की आप भी चलिये।ये है जाजन।
जाजन जदी करते रहेंगे,तो बिप्लब आयेगा। प्लाबन आयेगा।ओ लशर आयेगा ,तभी समाज में बदलाव आएगा।
हम बचपन के समय cricket खेलते थे।fielding के समय भागते थे।मेरे दोस्त बोलते थे ये बोहुत काम चोर है।हम fielding में उसी जायगा बोल खोजते थे जहाँ बोल कम जाता है।बोल कम जायेगा,गेंद कम जायेगा।हमारा भाई लोक जब टीम बनाया,तो बोला की आप हमारे टीम से खेलो।तो उहा जब पौछे हमारे टीम में खेलने के लिए,तो देखे की बैटिंग भी हमको सीखाना पर रहा है,बोलिंग भी हमको सीखाना पर रहा है,फील्डिंग भी सीखना पर रहा है।और उन लोक के साथ जब fielding करते थे तब सबसे कठिन जायगा में फील्डिंग करते थे,जहा सबसे ज्यादा बोल जायेगा ,उहा।किउंकि हम पर एकठो बोझ आगेया।दायित्तो आगेया।ये दायित्त आप लीजिये।
जब परोश में बोलियेगा बात,मंगल की बात तो मेरे में जो कमी है उसमें भी हम हाट देंगे।की इस कमिको कमसे कम प्रदर्शन ना करे।ठीक है।प्रदर्शित नही करना चाहते है।मेरे कमिया को।कमिया को हम जब प्रदर्शन नही करेंगे ,तब ओ ढकते जायेगा,ढकते जायेगा।ऐसा ओ मेरे सरीर से ही,मेरे हिस्से से ही निकल के चला जायेगा।फिर हम और बेटर इंसान में बदल ते जायेंगे।
कोई बाबई दा नाम का कोई जादू नही है,ना आसमान में कोई ठाकुरजी रहते है।जब तक ना हम उसको पकड़ेंगे,तो कोई ऐसा नही आयेगा।ठीक है।
Kerry Pecker का नाम सुना है कोई कई।जो एक दिबासिया cricket में बदलाओ ले आये थे।बोहुत आमिर आदमी थे।8 मिनट के लिए उठा,मत जैसा हो गया।जब मत से उठा,8 मिनट तक उसमे कोई जान नही था बॉडी में।तो जब निकल के अये ओ संगबादिक,news बले सब थे।तो बोले की बोहुत आनंद की बात है,की उहा कोई नरक नही देखा,और एक दुःख की बात है कि उहा स्वर्ग भी नही देखा।स्वर्ग रहता है,मेरे कर्म में,मई कर्म करू ठीक तो मेरे,स्वर्ग एहि है।कोई आसमान में कोई स्वर्ग बैठा नही रहेगा।आसमान में कोई इस्वर नही आएंगे हमको उद्धार करने।ओ मार्ग दर्शन करबा देंगे।चलो ये मार्ग।
Joyguru
Rev. Babai Da is 4 th generation of Sri Sri Thakur Anukulchandra.
It is a speech of him.Read this article.
You can listen it in Youtube channel Swasti Ananda Songi also.
Thanks for reading this article.
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